Byjus Crises: इंडियन स्टार्टअप और एटक प्लेटफॉर्म बायजू पर आर्थिक संकट गहराता जा रहा है , एक तरफ जहां दिसंबर क्वार्टर के रिजल्ट्स के बाद कंपनी देश की सबसे ज्यादा घाटे वाली कंपनियों के लिस्ट में शामिल हो गई थी, वहीं इस उथल-पुथल के बीच कंपनी के प्रमुख निवेशकों के एक ग्रुप ने बड़ा फैसला लिया है बाइजू के फाउंडर एंड CEO Byju Raveendran को ही अब कंपनी से बाहर करने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
एक वक्त ऐसा भी था जब भारत की स्टार्टअप की दुनिया में Byjus का नाम उदाहरण के तौर पर पेश किया जाता था। लेकिन एक ही झटके में कंपनी आसमान से सीधा ज़मीनपर आ गई है। हर रोज इस कंपनी को लेकर विवाद की नई नई खबरें बाजार में नज़र आती रहती हैं। शुक्रवार को बायूज की ईजीएम (Extraordinary General Meeting) हुई। इस मीटिंग में शेयर होल्डर्स ने बायूज के संस्थापक बायूज रवीद्रंन और उनकी फैमली को ही बाहर करने के पक्ष में वोट किया। इस फैसले के आने के बाद Byju Raveendran ने कंपनी के कर्मचारियों के नाम एक पत्र लिखा। उसमें उन्होंने लिखा है कि वो कंपनी के CEO बने रहेंगे। साथ ही मैनेजमेंट में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। उनके इस लेटर के आने के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि आने वाले समय में Byju Raveendran और कंपनी के निवेशकों के बीच तकरार बढ़ने वाली है।
Byjus Crises
पहले यह जानते हैं कि बाईजू के शेयर धारकों का क्या कुछ आरोप है, तो कंपनी के निवेशक पिछले काफी वक्त से बायजू रविंद्रन की लीडरशिप पर उंगली उठाने के साथ-साथ मौजूदा आर्थिक संकट के लिए ही उनको जिम्मेदार ठहराते हैं, कंपनी के निवेशकों ने बाईजू रविंद्रन और उनके परिवार के लोगों पर मिस मैनेजमेंट एंड फेलर्स का आरोप लगाया है रविंद्रन और पारिवारिक सदस्यों के पास कंपनी में तकरीबन 26% पर की हिस्सेदारी है, और जिन शेयर होल्डर्स ने ईजी बुलाई है उनके पास 30 पर हिस्सा है तो साफ तौर पर रविंद्रन और उनकी फैमिली मेंबर्स पर संकट है, कि वह बाहर किए जा सकते हैं.
सोर्सेस का तो यह भी कहना है कि एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग जिसे हम ईजीएम कहते हैं उसके दिए गए नोटिस में थिंक एंड लर्न के मौजूदा बोर्ड को बाहर करने की भी अपील की गई है. जिसमें उनकी पत्नी और उनके भाई सभी शामिल हैं थिंक एंड लर्न बायजू ब्रांड नाम के तहत ऑपरेट होती है बाईजूस में लंबे समय से उथल-पुथल मची हुई है और यह फाइनेंशियल क्राइसिस में फंसी हुई है कंपनी का मार्केट कैप दिन पर दिन घट रहा है. कंपनी के हालात इतने खराब हो चुके थे कि रविंद्रन बाईजू ने अपना घर गिरवी रखकर कर्मचारियों को सैलरी दी थी.
क्या कुछ लिखा है लेटर में
PTI की रिपोर्ट के अनुसार कर्मचारियों को लिखे लेटर में रवीद्रंन ने कहा है कि ईजीएम के दौरान कई नियमों को तोड़ा गया है। वो लिखते हैं, “नियमों के अनुसार यह मीटिंग नहीं हुई है। इसीलिए जो कुछ भी फैसला उस मीटिंग में हुआ है वो Valid नहीं है।” बता दें, इस मीटिंग में Byju Raveendran और उनका परिवार शामिल नहीं हुआ था।
क्या है Byju Raveendran का दावा
बायूज रवीद्रंन ने लेटर में लिखा है, “मैं कंपनी का CEO बना रहूंगा। ये आपने जो कुछ मीडिया में पढ़ा होगा उसके विपरीत है। साथ ही मैनेजमेंट भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। बोर्ड भी वही रहेगा। वो लिखते हैं कि किसी भी प्रस्ताव को पारित करने के लिए एक फाउंडर डायरेक्टर का मीटिंग में होना जरूरी है।”
क्यों परिवार रहा मीटिंग से दूर
उन्होंने कहा कि इस मीटिंग में सिर्फ एक स्मॉल ग्रुप ही इकट्ठा था। वो लिखते हैं, “170 शेयर होल्डर्स में से मात्र 35 ही इस मीटिंग में उपस्थित रहे। जोकि साफ दर्शाता है कि इस गैरजरूरी मीटिंग को बहुत ही सीमित समर्थन प्राप्त है।” बता दें, EGM को बुलाने वाले लोगों में 6 निवेशक शामिल थे। जिनके पास कंपनी का 32 प्रतिशत हिस्सा है। वहीं, बोर्ड के सदस्यों में रवीद्रंन बायूज, उनकी पत्नी और भाई ही इस मीटिंग से दूर रहे थे।
रिपोर्ट्स के अनुसार बायूज के 60 प्रतिशत निवेशकों ने 7 प्रस्तावों के पक्ष में वोट किया है। इन 7 प्रस्तावों में मौजूदा मैनेजमेंट का हटाने का भी मामला शामिल है।
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