Maha Shivratri पर आज हम बात करेंगे मासिक शिवरात्रि के बारे में की ये व्रत कब से शुरू करना चाहिए और कितने व्रत करने चाहिए और आगे हम जानेगे की मासिक शिवरात्रि व्रत में अभिषेक और इसकी पूजा विधि क्या होती हैं और यह भी जानेगे की इस दिन व्रत रखने वाले व्यक्ति को क्या खाना चाहिए और इस व्रत के क्या नियम हैं ये भी हम जानेगे।
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महा शिवरात्रि क्यू मनाई जाती हैं
महा शिवरात्री हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। इस दिन को हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की 13 वीं रात और 14 वें दिन को मनाया जाता है। महा शिवरात्रि का अर्थ है “शिव की महारात्रि” या “शिव की महत्पूर्ण रात्रि।
“शिव पुराण के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने समुद्र मंथन के समय विष को ग्रहण किया था, जिसके करण शिव जी का नाम “नीलकंठ” पड़ा। और यह भी कहा जाता है की इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी का विवहा भी हुआ था इसलिए इस पर को शिव और पार्वती के विवाह का उपलक्ष भी माना जाता है इस दिन को शिव भक्त बेहद खास मानते हैं भोलेनाथ के भक्त इस दिन को श्रद्धा भाव के साथ मनाते हैं
Maha Shivratri व्रत विधि
महा शिवरात्रि व्रत रखने के लिए इस नियम का पालन करना चाहिए।
1. शिवरात्रि के एक दिन पहले, यानी त्रयोदशी तिथि के दिन केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए।
2. शिवरात्रि के दिन सुबह सभी कार्य करने के बाद पूरे दिन व्रत का संकल्प लें। संकल्प के दौरान मन ही मन अपनी प्रतिज्ञा को दोहराएं और भगवान शिव से व्रत निर्विघ्न पूर्ण करने का आशीर्वाद मांगें।
3. शिवरात्रि के दिन भक्तों को शाम के समय में स्नान करने के बाद पूजा करनी चाहिए। भगवान शिव की पूजा रात्रि के समय करने का नियम है और अगले दिन स्नान आदि के बाद अगले दिन व्रत को खोल देना चाहिए।
4. शिवरात्रि पूजा श्रद्धा और क्षमता के अनुसार रात में एक बार या रात के चारों प्रहर में भी कर सकते है।
5. व्रत का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए भक्तों को सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के बीच के समय में ही व्रत को ख़तम करना चाहिए।
महा शिवरात्रि पुजा विधि
1.मिट्टी के बर्तन में दूध या पानी भर कर रख दे उसके बाद कुछ बेलपत्र धतूरा चावल आदि डालकर शिवलिंग पर चढ़ाए
2. इस दिन शिव पुराण पाठ करना चाहिए और महामृत्युंजय मंत्र या ओम नमः शिवाय का जाप करना चाहिए
3. महा शिवरात्रि की पूरी रात जागरण करना चाहिए
महाशिवरात्रि के लिए भोग
महाशिवरात्रि पर आप यह भोग भगवान शिव को चढ़ा सकते हैं
- मालपुआ
- ठंडाई/भांग
- हलवा
- मखाने की खीर
- पकौड़े
महाशिवरात्रि पर कैसे करें शिवलिंग का रुद्राभिषेक
- अभिषेक करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए
- पहले गंगाजल शिवलिंग पर अर्पित करें चाहिए
- अभिषेक करते समय महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें चाहिए
- गंगाजल अर्पित करने के बाद शिवलिंग पर शहद दूध दही आदि चढ़ाएं
- शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं
- आखिर में शिवलिंग पर बेलपत्र भांग धतूरा आदि चढ़ाएं
शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में अंतर
कई लोग महाशिवरात्रि को ही शिवरात्रि भी बोलते हैं लेकिन यह सही नहीं है शिवरात्रि और महाशिवरात्रि दोनों ही पर्व अलग-अलग है शिवरात्रि जहां हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर आती है वही महाशिवरात्रि साल भर में एक ही बार मनाई जाती है यह फाल्गुन मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और माता पार्वती का विवहा हुआ था इसलिए इस त्यौहार को शिव और पार्वती के विवाह का उपलक्ष भी माना जाता है यानी महाशिवरात्रि साल में एक ही बार मनाई जाती है वही शिवरात्रि हर महीने मनाई जाती है
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